Saturday, July 2, 2016

ज़िन्दगी..??

You must remember the famous bollywood song "ज़िन्दगी ऐक सफर है सुाहन, यहाँ कल क्या हो किसने जाना,"

I have tried to explain same kind of feeling in bellow lines



ऐक अनजान सफर सी यह ज़िन्दगी गुजरती जा रही है,
उमंग हैं थमी पर धड़कन धड़कती जा रही हैं,
चाह नई है बाकी अब इस दिल में कोई, फिर भी....
अनजान चाह के पीछे-पीछे यह ज़िन्दगी चलती जा रही है,

ना पथ है, ना पथिक, अनजान है मंजिल भी, फिर भी...
ऐक अनजान सफर में यह ज़िन्दगी चलती जा रही है,
हर पग, हर पथ पर सिर्फ दिलसे ही मिले है, फिर भी...
बस एक और मौके की तलाश में इम्तेहान दिए जा रही है..

इम्तेहान दिए जा रही है..चलती जा रही है..ज़िन्दगी..
ऐक अनजान सफर सी ये ज़िन्दगी गुजरती जा रही है.

बसंत कुमार वर्मा

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